आर.पी.मौर्या
मुंबई | महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर खींचतान जारी है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियां अभी राजी नहीं हुवे है | सीटों के बंटवारे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है और 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में थी लेकिन विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने खुद को बड़ा भाई कहते हुए ज्यादा सीटें मांगी थीं। बात नहीं बनने पर दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवसेना और बीजेपी के बीच पिछले कुछ हफ्तों से गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। दोनों पार्टियों के बीच इस दौरान तल्ख बयानबाजी भी देखने को मिली है। जहां एक ओर शिवसेना ने बीजेपी को दफन करने की बात कहते हुए खुद को महाराष्ट्र में बड़ा भाई बताया, वहीं बीजेपी की तरफ से कहा गया कि गठबंधन करना उसकी कोई मजबूरी नहीं है।
गोवा में आगे बढ़ने के साथ ही बीजेपी ने एमजीपी के वोट बैंक को साफ कर दिया। पार्टी ने एमजीपी के काडर और नेताओं के एक बड़े हिस्से को तोड़कर अपने पाले में कर लिया। जहां एक ओर शिवसेना महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में बड़े भाई की भूमिका में बरकरार रही, वहीं एक के बाद एक इसका वोट शेयर गिरता गया और बीजेपी का बढ़ता गया। इसके साथ ही जब भी बात लोकसभा चुनाव की आई तो बीजेपी पहले ही बड़े भाई की भूमिका में रही। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 26 और शिवसेना ने 22 सीटों पर चुनाव लड़ा। हालांकि इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में दोनों के बीच 25 साल पुराना गठबंधन टूट गया था। ब्रेकअप से पहले दोनों के बीच 151 (शिवसेना) और 127 (बीजेपी) सीटों के बंटवारे पर अंतिम चर्चा हुई थी।महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं।