राम नरेश ठाकुर, ब्यूरो
पटना। चमकी बुखार से बिहार में हो रहे मौतों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। आज (शुक्रवार) तक श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में 119 और केजरीवाल हॉस्पिटल में 21 बच्चों की मौत हुई है हालांकि, बारिश के बाद इस आंकड़े में कमी आई है लेकिन बच्चों की मौत नहीं रुक रही है। इस बीमारी से प्रभावित जिलों में मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गया, जहानाबाद, किशनगंज, नालंदा, पश्चिमी चंपारण, पटना, पूर्णिया, शिवहर, सुपौल शामिल हैं. मुजफ्फरपुर जिले के बाद पूर्वी चंपारण जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। चमकी बुखार की बीमारी का शिकार आमतौर पर गरीब परिवार के बच्चे हो रहे है और वह भी 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे है। इस कारण मृतकों में अधिकांश की आयु एक से सात वर्ष के बीच है
गौरतलब है कि पूर्व के वर्षों में दिल्ली के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के विशेषज्ञों की टीम और पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की टीम भी यहां इस बीमारी की अध्ययन कर चुकी है। एक हफ्ता पहले मानसून ने बिहार में प्रवेश किया है और मुजफ्फरपुर सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मद्धिम बारिश हुई है, जिससे किसानों से ज्यादा डॉक्टर, मेडिकल अधिकारियों और एईएस से प्रभावित बच्चों के माता-पिता खुश हुए हैं क्योंकि तापमान घटने से चमकी बुखार का असर घटेगा।