रमेश शंकर झा,समस्तीपुर बिहार।
समस्तीपुर:- जिले में बढ़ते बालिका अपहरण, मैरेज टूरिज्म एवं मानव व्यापार के खिलाफ कैंडिल मार्च, चेतना सामाजिक संस्था के तत्वावधान में शहर के पटेल गोलंबर चौक से अंबेडकर स्मारक स्थल तक निकाला गया। इस अवसर पर शहर के गणमान्य लोगों ने अपने-अपने हाथों में कैंडिल लेकर मुख्य मार्गों का भ्रमण करते हुए अंबेदकर स्थल पहुँचकर मार्च सभा में तब्दील हो गया।
सभा की अध्यक्षता चेतना के अध्यक्ष डा० मिथिलेश कुमार ने कीया। इस मौके पर सभा को सामाजिक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष राजीव गौतम, सचिव संजय कुमार बबलू, सुरेन्द्र कुमार, अमित वर्मा, विजय सुमन, संजू शर्मा, माला कुमारी, सवीता कुमारी, अनील कुमार गुप्ता, आदित्य आनंद, सरपंच संघ के जिला उपाध्यक्ष महेश राय, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंध के प्रदेश अध्यक्ष रजनीश कुमार, शिक्षक चंदन कुमार, चंदन भारद्वाज,आइसा के प्रियरंजन, इनौस के सुरेंद्र प्रसाद सिंह, मानवाधिकार कार्यकर्ता विश्वनाथ गुप्ता आदि ने संबोधित किया। ज़िला स्वयंसेवी संगठन के सचिव संजय कुमार बब्लू ने कहाँ की सरकार एक तरफ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की योजना चला रही वही दूसरी तरफ पढ़ने जाने वाली बेटियां को उठाई व बेची जा रही हैं। इस परिस्थिति में कैसे बचेगी बेटियां ? कैसे पढ़ेगी बेटियां ? स्वयं सेवी संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष राजीव गौतम ने कहाँ की-मानव व्यापार एवं मैरेज टूरिज़म में संलग्न सामाजिक-राजनीतिक-प्रशासनिक-अपराधी गठजोड़ को तोड़ने की जरूरत हैं।
इसके बिना ज़िले की बेटियो को बचाना बहुत कठिन हैं। अपने अध्यक्षीय भाषण में चेतना अध्यक्ष डा० मिथिलेश कुमार ने कहा कि शहर के बगल से पिता के साथ कोचिंग से घर लौट रही इंटर की छात्रा का अपहरण, कानून को अपराधियों द्वारा ठेंगा दिखाने जैसा है। कल्याणपुर में शराब माफियाओं द्वारा शराब के व्यवसाय में बच्चे – बच्चियों का उपयोग, बालिकाओ का अपहरण, मैरेज टूरिज्म तथा मानव व्यापार के मामले कल्याणपुर के साथ-साथ जिले के 7-8 प्रखंडों में जारी हैं। विदित हो कि विगत 1 वर्षो में सस्त्र अपराधियो के द्वारा परिजनों की उपस्थिति में उठाई गई यह एकमात्र घटना नही हैं। इसके पूर्व भी ताजपुर के राजखण्ड व कल्याणपुर से भी इसी तरह लड़किया उठाई गई थी।
तब चेतना सामाजिक संस्था व अन्य सहमना सामाजिक-राजनीतिक संगठनों के जनदबाब में लड़की मुक्त हुई थी। ज़िले में मानब व्यापार एवं विवाह पर्यटन (Marriage Tourism) का कारोबार बहुत तेजी से फल-फूल रहा है। आये दिन ज़िले की बेटियां गायब हो रही हैं। पुलिस प्रशासन प्रेम-प्रसंग का मामला समझ इस पर समयोचित ध्यान नही दे पाती है। जिसके परिणामस्वरूप मानव व्यापारियों का पौ बारह हैं। उनके बढ़ते हौसले का परिणाम हैं कि अब वे वेखौफ हो जिला मुख्यालय के नजदीक से भी दिन-दहाड़े बेटियों को उठा रहे है।जबकि ज़िले में एन्टी चाइल्ड ट्रैफिकिंग यूनिट भी कार्यरत है। इसे रोकने के लिए चेतना सामाजिक संस्था सहमना सामाजिक-राजनीतिक -सामुदायिक संगठनों के साथ मिल कर जन वकालत एवं जन दबाब के माध्यम से संघर्ष को आगे बढ़ायेगी।