रमेश शंकर झा,समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर:- जिले के सदर अस्पताल श्मशान घाट बनकर रह गया है। क्योंकि प्रतिदिन जिले के विभिन्न कोणों से आए मरीजों को डॉ० के अभाव में बिना दिखाएं वापस जाने को विवश होते हैं मरीज। समस्तीपुर सदर अस्पताल के बोर्ड पर लिखा है 08 बजे से 12:00 बजे तक मरीजों को देखा जाएगा। लेकिन अधिकांश पुरुष व महिला डॉक्टर पटना, दरभंगा, हाजीपुर, समस्तीपुर मे अपना-अपना क्लीनिक खोल रखा है, क्लीनिक चलाने में व्यस्त है। तीसों दिन इन डॉक्टरों द्वारा अस्पताल में सही समय पर उपलब्ध नहीं हो पाना चिन्ता का विषय है।
वहीँ सरकार जनता के लिए इतना सब सुविधा व खर्च करता है और डॉक्टर सही समय पर रहते नहीं है। जिसके कारण मरीजों को भारी कष्टों का सामना करना पड़ता है। जिस कारण दर्जनों गर्भवती महिलाओं को जीवन से हाथ धोने को विवश होना पड़ता है। वहीँ जब संवाददाता ने सदर अस्पताल समस्तीपुर पहुंचा तो अधिकांश पुरुष व महिला डॉक्टर ड्यूटी से फरार पाया गया। आज डॉ० आदित्य की ड्यूटी थी इसकी शिकायत सिविल सर्जन से की गई तो सिविल सर्जन ने कहा आप लिखकर दे दीजिए सदर अस्पताल श्मशान घाट में तब्दील हो गया है। आज कमरा संख्या 2 में डॉ० आदिति प्रियदर्शिनी नामक महिला डॉक्टरों की ड्यूटी थी परंतु 10:30 बजे तक डॉ० नहीं आ पाए थे।
जब इसकी शिकायत पर हेल्थ मैनेजर ने महिला डॉक्टर कमरा में जाकर देखा और लीलावती नामक कमचारी को कहा कि कम से कम इन महिलाओं एवं मीनाक्षी नामक महिला का बी०पी० जांच कर लो तो उसने किसी नर्स को आनन-फानन में बुलाकर बी०पी० जांच कराने की बात कर रही थी। इसी बात को लेकर कई बार शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं होता है। आज इस बात की जानकारी उच्चअधिकारी को भी दिया गया है। भगवान ही जाने सरकारी अस्पताल में क्या होता है।