ऋषी तिवारी
नई दिल्ली | दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बस से जनता परेशान है वही कम्प्लेन करके और दिल्ली डेपो की कितनी बसे है जो ना तो स्टैंड पर रोकी जाती है ना ही चलती है दिल्ली सरकार अरविन्द केजरीवाल वादे पर वादा करते जा रहे है लेकिन वो नहीं देख रहे है जो पुराने चीजे है वो ही ख़राब है। जब तक उसपर कारवाही नहीं करेगी तब तक आगे सोच कर क्या फायदा होगा। दिल्ली के डीटीसी बसों की कितने कम्पलेंट पेंडिग है लेकिन उसपर आज तक कोई कारवाही नहीं किया गया है देखा जा रहा दिल्ली की सबसे ज्यादा मनमानी और जलवा सिर्फ ग्रीन और रेड बसों का है जो काम कम और जनता को डरते ज्यादा है। ऑनलाइन कम्प्लेन भी करने के बाद डीटीसी के अधिकारी सिर्फ बोल बाला ही करते है। कितने बसों में तो कम्प्लेन बुक ही मौजूद नहीं है सिर्फ नाम के लिए ही है।
गौरतलब है कि जनता भी परेशान हो गई है कितने के साबुत तो न्यूज़ एजेंसी और न्यूज़ पेपर पर आ चुके है देखने के बावजूद भी आज तक दिल्ली सरकार आज तक नहीं जगी है बस के लोग और अधिकारी मनमानी करेंगे चाहे लेटर दो या कम्प्लेन! बस में तो दिन तो काम शाम ५ बजे के बाद तो ज्यादा ही नौटकी होती है अधिकारी भी चेकिंग के नाम पर किसी न किसी को धमकाकर कुछ न कुछ लेने की कोशिस करते रहते है। अधिकतर बसे बसों के नाम नम्बर है ३९२,३९८,३२३,५१६,५२३,५०६ और बसे है जो पूरी तरह इन्क्वारी के बाद बाटी जाएगी। ये न्यूज़ पर चुके ऐप्स है –
डीटीसी सरकारी बसों में कंडक्टर और ड्राइवर की मनमानी जनता परेशान
दिल्ली में परिवहन निगम की सरकारी बसों की लापरवाही से जनता परेशान
जिसपर अभी तक दिल्ली परिवहन निगम ने कुछ नहीं किया है बल्कि आजादी दी है।