उदित नारायण ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से अपील की है कि बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले उदित ने भास्कर से विशेष बातचीत में कहा, बच्चों की मौतों की खबर सुनकर मन खिन्न है। समझ नहीं आ रहा कि अपनी ओर से क्या करूं। मैं बहुत जल्द पर्सनली सीएम से मिलने जा रहा हूं। मेरी उनसे अपील है कि जात-पात से ऊपर उठकर पूरे प्रदेश का समग्र विकास करें और गरीबी दूर करें। अब इस मुहिम में मैं पीछे नहीं हटने वाला। अगर वो लोग बोलें तो जिस घर में रहता हूं, वह बेचकर दान कर दूंगा। इतनी क्षमता तो रखता हूं।’
देसवा और मिथिला मखान जैसी फिल्में बना चुके राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता नितिन चंद्रा अपने पर्सनल काम छोड़कर पटना और मुजफ्फरपुर में डटे हुए हैं। वो कहते हैं, ‘मैं हैरान हूं कि इस पूरे मसले पर न तो शत्रुघ्न सिन्हा की तरफ से ना कोई काम हुआ है और ना ही बिहार की बेटी कही जाने वाली सोनाक्षी सिन्हा की ओर से कोई बयान आया है। पिछले साल केरल और नागालैंड बाढ़ पीड़ितों के लिए सुशांत सिंह राजपूत ने वहां के राहत कोष में एक से सवा करोड़ जमा किए थे। अभी अपने होम स्टेट के लिए न तो कोई प्रभावी बयान आया है और ना ही कोई आर्थिक सहायता। बाकी लोगों की चुप्पी भी जाहिर कर रही है कि लोग अपनी माटी के प्रति कितनी संवेदना रखते हैं।
इस बीच 27 जून को शेखर सुमन भी मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे। वे कहते हैं, ‘हम वहां पर्सनल हाईजीन मुहैया करवाने से लेकर आर्थिक सहयोग भी करेंगे। मैं जानता हूं कि औलाद खोने का गम क्या होता है हो सकता है। मैंने खुद अपना बच्चा खोया है। हम सब की जिम्मेदरी है कि आगे कहीं ऐसा ना हो। ये एक वार्निंग है जिसे सिस्टम को अलर्ट हो जाना चाहिए।’ शेखर के साथ विवेक ओबेरॉय और संदीप सिंह भी वहां पहुंचेंगे।